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Overview

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विहंगावलोकन

विकास अनुवीक्षण और मूल्यांकन कार्यालय (डीएमईओ) नीति आयोग का एक संबद्ध कार्यालय है। देश में शीर्ष अनुवीक्षण और मूल्यांकन (एम एंड ई) कार्यालय के रूप में, डीएमईओ सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों के एम एंड ई के माध्यम से राष्ट्रीय विकास एजेंडा को प्राप्त करने के लिए सरकार की सहायता करता है। 2015 में अपनी स्थापना से, कार्यालय का उद्देश्य कठोर, डेटा-संचालित, नागरिक-केंद्रित और परिणाम-संचालित कार्यक्रम प्रबंधन और नीति निर्माण की सहायता करना है।

 

नीति आयोग के गठन के लिए कैबिनेट नोट के अनुसार, डीएमईओ के वर्तमान अधिदेश में (i) आवश्यक मध्यावधि सुधारों सहित नवीन सुधारों में सहायता हेतु लिए कार्यनीतिक और दीर्घावधि नीति एवं कार्यक्रम रूपरेखाओं तथा पहलों की प्रगति और प्रभावकारिता की निगरानी करना; तथा (ii) सफलता की संभावना और सुपुर्दगी के दायरे को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक संसाधनों की पहचान करने सहित कार्यक्रमों और पहलों के कार्यान्वयन की सक्रिय निगरानी और मूल्यांकन करना शामिल हैं। नीति आयोग के सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद के अधिदेश के अंतर्गत इसका कार्यक्षेत्र राज्यों को तकनीकी सलाह देने का भी है। डीएमईओ की संस्थागत स्थिति संगठन को देश में एम एंड ई उन्नति के लिए एक मंच बनाने की शक्ति प्रदान करती है।

पृष्ठभूमि

डीएमईओ को भारत सरकार द्वारा 18 सितंबर, 2015 में पूर्व कार्यक्रम मूल्यांकन कार्यालय एवं स्वतंत्र मूल्यांकन कार्यालय का विलय करके नीति आयोग के संबद्ध कार्यालय के रूप में स्थापित किया गया था। यह सुनिश्चित करने के लिए कि डीएमईओ स्वतंत्र रूप से कार्य कर सके, इसे पूर्ण कार्यात्मक स्वायत्तता के अतिरिक्त अलग से बजटीय आवंटन और जनशक्ति प्रदान की गई है। कार्यक्रम मूल्यांकन संगठन (पीईओ) की स्थापना भारत सरकार द्वारा अक्टूबर 1952 में की गई थी, जिसका विशिष्ट कार्य भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित सामुदायिक विकास कार्यक्रमों और अन्य गहन क्षेत्र विकास स्कीमों का मूल्यांकन करना था। यह पूर्व योजना आयोग के एक प्रभाग के रूप में कार्य करता था और इसकी अध्यक्षता एक सलाहकार (पीईओ) द्वारा की जाती थी, जो योजना आयोग के सदस्य को रिपोर्ट करता था। पीईओ की देश भर में 15 क्षेत्रीय इकाइयां (7 क्षेत्रीय मूल्यांकन कार्यालय + 8 परियोजना मूल्यांकन कार्यालय) थीं। देश में कार्यक्रम मूल्यांकन तंत्र को अधिक कार्यात्मक स्वायत्तता प्रदान करने के प्रयास में, भारत सरकार ने नवंबर, 2010 में स्वतंत्र मूल्यांकन कार्यालय (आईईओ) की स्थापना की। आईईओ की अध्यक्षता महानिदेशक द्वारा किया जाती थी, जो रैंक और दर्जे में केंद्रीय राज्य मंत्री के समकक्ष होती थी।

 

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डीएमईओ के कार्य

डीएमईओ को भारत सरकार के कार्यक्रमों और पहलों के कार्यान्वयन के सक्रिय अनुवीक्षण और मूल्यांकन करने का अधिकार दिया गया है ताकि उनके कार्यान्वयन और सुपुर्दगी के दायरे को निरंतर आधार पर सुदृढ़ किया जा सके। इसके अतिरिक्त, डीएमईओ प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और भारत सरकार के कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालयों/विभागों के अनुरोध पर, स्वत: संज्ञान से अथवा चयनित कार्यक्रमों/स्कीमों का मूल्यांकन करता है। डीएमईओ कार्यों को i) अनुवीक्षण, ​​ii) मूल्यांकन और iii) साझेदारी और क्षमता निर्माण को शामिल करने वाली कार्य पहल में व्यापक रूप से वर्गीकृत किया जा सकता है।

1. 67 एम/डी के लिए आउटपुट परिणाम अनुवीक्षण रूपरेखा

2. सभी एम/डी के लिए डेटा गवर्नेंस गुणवत्ता सूचकांक

3. 13 अवसंरचना और 4 सामाजिक सेक्टरों की सेक्टर समीक्षा

4. सुधार एवं वृद्धि हेतु 30 वैश्विक सूचकांको का अनुवीक्षण

1. फ्लैगशिप स्कीमों का मूल्यांकन

2. 126 केंद्र प्रायोजित स्कीमों का मूल्यांकन

3. त्वरित आकलन अध्ययन

4. मूल्यांकन हेतु ज्ञान संसाधन

1. एम एंड ई सक्षमता रूपरेखा एवं पाठ्यक्रम

2. दिशानिर्देश, टूलकिट और बेहतरीन कार्यप्रणाली

3. कार्यशालाएं, वेबिनार, सम्मेलन

4. सहभागिता